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Wednesday, December 31, 2008

नववर्ष की शुभ कामनाएं



साल नया है बात नई हो
हर दिन ओर हर रात नई हो

नये हो वादे नयी हो बाते
नये संकल्प हो नये इरादे

नया जोश हो नई किरण हो
जीने की इक नयी उमंग हो

आओ भूले बीते कल को
दुखो के उस भीषण जंगल को

साँस नया है आस नया हो
जीवन मे विश्वास नया हो

राहो मे हम साथ साथ हो
कदम हमारे मंजिल पर हो

Saturday, December 27, 2008

उस पार न जाने क्या होगा!



इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!

यह चाँद उदित होकर नभ में कुछ ताप मिटाता जीवन का,

लहरालहरा यह शाखाएँ कुछ शोक भुला देती मन का,

कल मुर्झाने वाली कलियाँ हँसकर कहती हैं मगन रहो,

बुलबुल तरु की फुनगी पर से संदेश सुनाती यौवन का,

तुम देकर मदिरा के प्याले मेरा मन बहला देती हो,

उस पार मुझे बहलाने का उपचार न जाने क्या होगा!

इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा ......