तेरी आहट

ज़ख्म मुस्कुराते हैं अब भी तेरी आहट पर, दर्द भूल जाते हैं अब भी तेरी आहट पर । शबनमी सितारौं पर फूल खिलने लगते हैं, चाँद मुस्कुराता है अब भी तेरी आहट पर । उमर काट दी लेकिन बचपना नहीँ जाता, हम दिए जलाते हैं अब भी तेरी आहट पर । तेरी याद आए तो नींद जाती रहती है, हम खुशी मानते हैं अब भी तेरी आहट पर । अब भी तेरी आहट पर चाँद मुस्कुराता है, ख्वाब गुनगुनाते हैं अब भी तेरी आहट पर । तेरे हिज्र में हम पर इक अजब तारी है, चोंक चोंक जाते हैं अब भी तेरी आहट पर । अब भी तेरी आहट पर आस लौट आती है, अश्क हम बहाते हैं अब भी तेरी आहट पर ।